बिन अंखियन सब सून
क्या आपने कभी
चिड़िया को
उड़ते हुए
देखा है.…
या हवा
से पेड़ो
के हिलते
हुए पत्तो को.....या
फिर जीवन
के सुबह-शाम के
चक्र को.कितना लुभावना,
मनमोहक और सुखद प्रतीत
होता है.....
सुबह के
सूरज को
निहारना, दोपहर
की धूप
को महसूस करना, शाम
की लालिमा
और रात
की चांदनी
को देखना
! दुनिया कितनी खूबसूरत है ! इसे
सुन्दर बनाते
हैं इसमें
बसने वाले
इंद्रधनुषी रंग ! "रंग " दो अक्षरों
से बना
एक छोटा
सा शब्द,
लेकिन बिना
इसके जीवन निर्रथक है! जिंदगी
बिताना तभी
सार्थक है
जब उसमें
रंगो का
समावेश हो
! वो लोग वाकई
में बहुत
ही भाग्यशाली
होते हैं
जो जीवन
के घटते-बढ़ते चक्र को अपनी आँखों
से देख
पाते है
!
लेकिन भाग्यवश या
फिर दुर्घटनावश
कई लोग
हैं जो
इन्हे नहीं
देख सकते
! ऐसे लोग रंग
से तो
परिचित होते
हैं लेकिन
सिर्फ "काले" रंग से ! काला
रंग प्रतीत है अँधेरे
का, मायूसी
का, अधूरेपन
का, नकारात्मकता
का ! कई
बार तो इस अँधेरे शिकार
छोटे-छोटे
बच्चे हो
जाते हैं
! बच्चे जो
कोमल फूल
जैसे होते हैं उन्हें
इस अंधकारमय
जीवन की
सच्चाई कड़वा
जहर समझकर
पीनी पड़
जाती है ! आप जानते
हैं दुनिया
का बहुत
बड़ा भाग
देख नहीं
सकता ! उनमें
से आधे से ज्यादा
केवल भारत
जैसे प्रगतिशील
में ही
हैं ! अचम्भित
करने वाली बात तो
यह है
की इनमें
बच्चो की
संख्या काफी
ज्यादा चौंकाने
वाली है ! हर साल विस्मित
करने वाले
सर्वे होते
है, लेकिन
मदद नहीं
होती !
बच्चे जिन्हे जीने
के लिए
माँ-बाप
का प्यार,
साथ, देखभाल
और विश्वास
की ज़रूरत होती है
लेकिन वो
अकेले ही
जिंदगी की
नाव खेने
लगे बिन
रौशनी और बिन आँखों के। सोचिये कैसा
मंजर होगा
वो जब
छोटे-छोटे
बच्चे दीवार का सहारा
लेकर चलते
है, ठोकर लगने
पर गिर
पड़ते हैं
! लोग आते है ... बाते
करते हैं
चले जाते
हैं! हाथ
आती है
तो केवल
एक कड़वी सच्चाई कि "हम
देख नहीं
सकते" और इस कमी के
साथ भविष्य
को देखना
!
कमी चाहे किसी
भी चीज़
की हो,
हम उसे
ख़त्म करना
चाहते हैं
! कई बार
हम सफल होते हैं
और कई
बार मायूस
! हाँ, इतना
ज़रूर है
की हम
थोड़ी सी
कोशिश करके, एक कदम
बढ़ाकर उन
कमियों के
असर को
कम ज़रूर
कर सकते
हैं ! जरुरत है तो एक
पहल, एक
बदलाव की
! किसी ज़रूरतमंद
की तरफ
हाथ बढ़ाना
उसे कईपलों की खुशियां
दे सकता
है ! बदलाव की तरफ एक
ऐसा ही
कदम बढ़ाया
है राज महाजन ने जोकि बिनाकाट्यून्स और मोक्ष
म्यूज़िक के
मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रसिद्ध संगीतकार हैं। एक
संस्था के
साथ मिलकर
इन्होने उन
बच्चों की अँधेरी और बेरंग
ज़िन्दगी में
रंग भरने
की एक
छोटी सी
कोशिश की
है जो
देख नहीं सकते ! संगीतकार
राज महाजन
ने तय
किया था
की वो
अपनी कंपनी बिनाकाट्यून्स की कमाई
का एक हिस्सा हर महीने
"दृष्टिहीन बच्चों" की मदद के
लिए देंगे
! उनका ख़ुद
से एक वादा था
मैं इन
मासूमों के
चेहरे पर
हंसी के
फूल खिलाऊंगा
!
तो अपने संकल्प
की तरफ
अग्रसर होते
हुए राज
महाजन पहुंचे
दिल्ली के आर.के.आश्रम स्थित 'Institution For The Blind Andh
Vidyalaya' में ! इनकी( दृष्टिहीन बच्चों)
मदद और
भले के
लिए 21000 भेंट स्वरुप दिए ! चेक
देना तो
एक औपचारिकता भर था
! वो तो
यहाँ जैसे
इन बच्चों
के साथ
वक्त बिताने
आये थे
! कहते हैं हर
इंसान में
बच्चा होता
है और
ऐसा ही
वाक्या वहां
भी देखने
को मिला ! यहाँ पहुंचकर
बच्चों के
साथ बच्चा
बनने के
लिए मानो
जैसे राज
महाजन का दिल मचल
रहा हो
!
हर तरफ घूम
घूम कर
संगीतकार राज महाजन ने
यहाँ का
मुआयना किया
! बच्चों से बातचीत शुरू हुई ! उनकी इच्छाओं
के बारे
में जाना
! इस कड़वी
सच्चाई को स्वीकार कर चुके
बच्चे भी
अपने बीच
नए दोस्त
राज को
पाकर काफी
खुश थे
! धीरे-धीरे ढलती
सुबह के
साथ बच्चे
भी घुल-मिल गए
और लगे
अपने सपनो
की बातें करने ! पेशे
से संगीतकार
राज ने
बच्चों के
साथ मिलकर
सुरों की
ऐसी तान छेड़ी की
मानो सारा
वातावरण ही
संगीतमय हो
उठा ! लगने
लगा की
स्वयं सरस्वती आज धरती
पर आकर
इन बच्चों
के कंठ
में विराजमान
हो गयी
हों ! हर बच्चा अपने आप
में सुरों
का राजकुमार
हो !
आपने सुना होगा
की जब
भगवान कुछ
लेते है
तो कुछ
और ज्यादा
देकर उसकीपूर्ति भी स्वयं
कर देते
हैं ! इन
सुरीले बच्चों
को देखकर
ऐसा ही
लग रहा था ! ढोलक, तबला,
हारमोनियम के साथ सुरीला सफर
चल पड़ा
! देखते ही
देखते कई घंटे बीत
गए ! राज
और बच्चों
को देख
कर लग
रहा था
जैसे कोई
राब्ता इन्हे जोड़े हुए
है ! यहाँ
इन बच्चों
में ऐसा जोश और काबिलियत
देखकर बिनाकाट्यून्स और मोक्ष
म्यूजिक के
मैनेजिंग डायरेक्टर
राज महाजन
ने एक
घोषणा की
- जल्द ही इन नन्हे सुरीले
सुरों की
आवाज़ मैं
सबके सामने
लाऊंगा, जिससे
की दुनिया उन्हें सराहे ! संगीतकार
राज महाजन
इन बच्चों
की आवाज़
में एक
म्यूजिक एल्बम बनाएंगे जो इन
बच्चों के
लिए राज
का एक
तोहफा होगा
और बच्चों
का अपने सुनहरे भविष्य की
तरफ पहला
कदम ! दिन
ढलान पर
आया तो
वक्त हुआ
जाने का
!
आज राज को
कई नए
दोस्त मिले
और इन
बच्चों को
मिला एक
सच्चा और
मददगार साथी जो आने
वाले वक्त
में इनका
हमसफ़र होगा,
जो इनके
कल को
लेकर चिंतित है, जिसने पहल
की है
इनका भविष्य
बेहतर बनाने
की और
आज सँवारने
की ! फिर आने का वादा
करते हुए
राज वहाँ
से चल
दिए ! आज
वो अकेले
नहीं लौट
रहे थे
उनके साथ थी
उन बच्चों
की ख्वाइशें
जिनका जीवन
अँधेरे के
गर्त में
हैं, साथ थी उन
बच्चों की
दोस्ती जिसे
पाकर उनके
मन में
असीम शांति
और चेहरे पर हंसी
की लालिमा
थी !
जाते जाते राज
महाजन कहते
हैं -
दुनियां में खुशियां
बाँट कर
देखो,
ज़रूरतमंदों की ज़रूरत
पूरी करके
देखो,
किसी की बेरंग
अंधियारी दुनिया
में रंग
भर कर
देखो,
अच्छा लगता है
करके देखो
!
आपसे निवेदन है राज महाजन की
पहल से
जुड़िये और इनकी (बच्चों)
मदद कीजिये
!
आप भी घर
बैठे या
फिर कहीं
से भी
इस मुहीम
में शामिल
हो सकते
हैं, बस
MobileManoranjan.Com पर जाकर गाने
सुनिए, डाउनलोड
करिये, शेयर
करिये। आपकी
इस एक्टिविटी
से कंपनी
को फायदा
होगा और
कंपनी और
ज़्यादा पैसा
नेत्रहीनों के लिए दान कर
पाएगी। BINACATUNES अपने मासिक
टर्नओवर का 5 प्रतिशत हिस्सा दान
करती है।